Brahmacharya Rules Hindi
- भोजन के लिए बैठने से पहले हाथ, पैर और मुँह धो कर पवित्र होना चाहिए।
- कहीं चलते हुए, खड़े होकर या लेट कर भोजन नहीं खाना चाहिए।
- भोजन मौन रहते हुए, भगवत् चिंतन करते हुए या सत्संग सुनते हुए ही खाना चाहिए।
- ग़लत, काम युक्त और दूषित चिंतन या क्रिया देखते हुए भोजन नहीं खाना चाहिए।
- दिन का भोजन सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच और रात्रि का भोजन 8 बजे से पहले तक हो जाना चाहिए।
- रात में देर से खाया गया भोजन पचाना कठिन होता है जो कि ब्रह्मचर्य के लिए बहुत घातक है।
- भोजन में अधिक नमक, मिर्च, मसाला, मिठाई या चंचलता पैदा करने वाले कोई भी पदार्थ नहीं होने चाहिए।